गांधी जयंती 2025: महात्मा गांधी की विरासत का जश्न

Gandhi Jayanti 2025: Celebrating Mahatma Gandhi’s Legacy of Peace and Truth
गांधी जयंती 2025: महात्मा गांधी की विरासत का जश्न
हर साल 2 अक्टूबर को भारत में गांधी जयंती मनाई जाती है। यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 1869 में गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी पेशे से वकील थे, लेकिन बाद में वे भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। सत्य और अहिंसा के उनके सिद्धांतों ने न केवल भारतीयों को बल्कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला जैसे विश्व नेताओं को भी प्रेरित किया। गांधी जयंती को उनकी याद में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है और यह संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
देश भर में गांधी जी के सम्मान में प्रार्थना सभाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं। नई दिल्ली में राजघाट पर राजनीतिक नेता और नागरिक उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र होते हैं, जबकि स्कूल और संस्थान युवाओं में उनके मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
इस अवसर पर गांधी जी की शिक्षाओं को दर्शाने वाले संदेश, शुभकामनाएं और उद्धरण भी मिलते हैं। 2025 के लिए लोकप्रिय शुभकामनाओं में सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने, सादगी अपनाने, करुणा दिखाने और "दुनिया में जो बदलाव आप चाहते हैं, उसके लिए खुद को तैयार करने" की बातें शामिल हैं। गांधी जी के प्रसिद्ध उद्धरण आज भी प्रासंगिक हैं, जैसे:
"अहिंसा मानवता के पास सबसे बड़ी शक्ति है।"
"एक आंख के बदले एक आंख से पूरी दुनिया अंधेरी हो जाती है।"
"खुशी तब होती है जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, वे सब एक-दूसरे से मेल खाते हों।"
"भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम आज क्या करते हैं।"
गांधी जयंती सिर्फ एक छुट्टी नहीं है, बल्कि यह शांति, सत्य और एकता की स्थायी शक्ति की याद दिलाती है। उनके जीवन और सिद्धांतों पर विचार करके, नागरिकों को अपने दैनिक जीवन में प्रेम, सहिष्णुता और न्याय का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि बापू का दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रहे।